Hindi - Kadam Ka Ped | कदंब का पेड़ | Q&A | Class 4 Lesson 9
Kadam Ka Ped | कदंब का पेड़ | Q&A
यह कदम्ब का पेड़
यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तिरे।
मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे।।
ले देतीं मुझे बांसुरी तुम दो पैसे वाली।
किसी तरह नीची हो जाती यह कदम की डाली।।
तुम्हें नहीं कुछ कहता पर मैं चुपके-चुपके आता।
उस नीची डाली से अम्मा ऊँचे पर चढ़ जाता।।
वहीं बैठ फिर बड़े मजे से मैं बांसुरी बजाता।
अम्मा-अम्मा कह वंशी के स्वर में तुम्हें बुलाता।।
सुन मेरी बंसी को माँ तुम इतनी खुश हो जाती।
मुझे देखने काम छोड़ कर तुम बाहर तक आती।।
तुमको आता देख बांसुरी रख मैं चुप हो जाता।
पत्तों में छिपकर धीरे से फिर बांसुरी बजाता।।
गुस्सा होकर मुझे डांटती, हसंकर कहती "नीचे आजा"।
पर जब मैं ना उतरता, हसंकर कहती "मुन्ना राजा"।।
"नीचे उतरो मेरे भैया तुम्हें मिठाई दूँगी।
नए खिलौने, माखन-मिसरी, दूध मलाई दूँगी"।।
बहुत बुलाने पर भी माँ जब नहीं उतर कर आता।
माँ, तब माँ का हृदय तुम्हारा बहुत विकल हो जाता।
तुम आँचल फैला कर अम्मा वही पेड़ के नीचे।
ईश्वर से कुछ विनती करतीं बैठी आँखे मिचे।
तुम ध्यान में लगी देख मैं धीरे-धीरे आता।
और तुम्हारे फैले आँचल के नीचे छिप जाता।।
तुम घबरा कर आँख खोलती, पर माँ खुश हो जाती।
जब अपने मुन्ना राजा को गोदी में ही पाती।।
इसी तरह कुछ खेल करते हम-तुम धीरे-धीरे।
यह कदंम का पेड़ अगर माँ होता यमुना तिरे।।
CLASS 4 INDEX:
MATHS:
HINDI:
1. Isaac Newton Q&A: Here
2. Kadam Ka Ped: Here
3. Sone Jaise Din Hai Iske: Here
4. Apna Gaon Q&A: Here
5. Anuched | Eid | ईद: Here
Comments